पाठ 1: प्रेमचंद – दो बैलों की कथा
पाठ 2: राहुल सांकृत्यायन – ल्हासा की ओर
पाठ 3: श्यामाचरण दुबे – उपभोक्तावाद की संस्कृति
पाठ 4: जाबिर हुसैन – साँवले सपनों की याद
पाठ 5: चपला देवी – नाना साहब की पुत्राी, देवी मैना को भस्म कर दिया गया
पाठ 6: हरिशंकर परसाई – प्रेमचंद के फटे जूते
पाठ 7: महादेवी वर्मा – मेरे बचपन के दिन
पाठ 8: हजारीप्रसाद द्विवेदी – एक कुत्ता और एक मैना
पाठ 9: कबीर – साखियाँ एवं सबद
पाठ 10: ललद्यद – वाख
पाठ 11: रसखान – सवैये
पाठ 12: माखनलाल चतुर्वेदी – क़ैदी और कोकिला
पाठ 13: सुमित्रानंदन पंत – ग्राम श्री
पाठ 14: केदारनाथ अग्रवाल – चंद्र गहना से लौटती बेर
पाठ 15: सर्वेश्वर दयाल सक्सेना – मेघ आए
पाठ 16: चंद्रकांत देवताले – यमराज की दिशा
पाठ 17: राजेश जोशी – बच्चे काम पर जा रहे हैं